आरती

श्याम बाबा की आरती लिखित में

श्याम बाबा की आरती लिखित में: इस आरती के जरिए हम श्रद्धा और भक्ति से श्याम बाबा को समर्पित होते हुए उनके दिव्य दर्शन प्राप्त करते हैं। यह आरती श्याम बाबा की कृपा एवं आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होती है।

श्याम बाबा के बारे में

श्याम बाबा राजस्थान के एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं। वे कृष्ण भगवान के एक रूप हैं और इन्हें श्याम सुंदर के नाम से भी जाना जाता है। श्रद्धालु लोग श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए इन्हें बड़ी उमड़-भीड़ देते हैं।

श्याम बाबा के मंदिर का स्थान नाथद्वारा से लगभग 15 किलोमीटर दूर है। यहां का मंदिर बहुत ही प्राचीन है और उसमें बहुत सारी कलाकृतियां देखने को मिलती हैं। श्याम बाबा के चमत्कारों की कई कहानियां सुनी जाती हैं और लोग उनके आशीर्वाद से अत्यंत प्रभावित होते हैं।

श्याम बाबा के दर्शन के लिए लोग बड़े पैमाने पर आते हैं और श्रद्धा से पूजा करते हैं। इसके अलावा यहां कई भक्तों के लिए नौकरी भी होती है और वे इस मंदिर में सेवा करते हैं। श्याम बाबा की कृपा से यहां के भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।

श्याम बाबा की आरती लिखित में

श्याम बाबा की आरती निम्नलिखित है:

जय श्री श्यामा जी की, जय कृष्ण जी की। आरती शोभा नित्य उतारे, जय जय श्यामा जी की॥

अरजुन चमके चाँद बाबा, साँवले तन पर रंग लाए। बजरंग बली ने लीला दिखाई, श्यामा ने बचाई राखी। आये श्यामा बाबा नटखट, सुन्दर मुखड़ा माला लटकाए। अम्बे भवानी आरती उतारती, सुख संपत्ति देती वरदानी। जय श्री श्यामा जी की, जय कृष्ण जी की। आरती शोभा नित्य उतारे, जय जय श्यामा जी की॥

उठा के मक्खन लगाए कान्हा, लाल अंगन में तैयार हैं छाया। फूलों से अंगन सजाए कान्हा, तोड़ दे माखन जमुना किनारे। जिस पर हाथ देते श्यामा बाबा, उसकी होती है मनोकामना। आरती करते हुए भक्त जन, पाते हैं भगवान का आशीर्वाद। जय श्री श्यामा जी की, जय कृष्ण जी की। आरती शोभा नित्य उतारे, जय जय श्यामा जी की॥

आरती की ज्योत जलाकर भक्त जन, मनोकामना पूर्ण करते हैं। दया दृष्टि से देखे श्यामा बाबा, सबके मन को भाते हैं। दिल में साफ रखो श्यामा बाबा का नाम, मिट जाएगा सब दुःखों का नाम। हर मनोकामना पूरी होती है श्यामा बाबा के दरबार में, भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं वो साँवले श्यामा। आरती शोभा नित्य उतारे, जय जय श्यामा जी की। जय श्री श्यामा जी की, जय कृष्ण जी की।

बजाए घंटों नटखट श्यामा बाबा, ध्वनि से पूरी होती है मनोकामना। जो मांगो दिल से श्यामा बाबा से, वो सब मिलता है तुरंत ही। सारी भक्ति से जो ध्यान रखता है, उसे मिलता है वो सावन का महीना। चाहे जो कुछ भी मांगो श्यामा से, उसे तुरंत मिलती है वो इच्छा। आरती शोभा नित्य उतारे, जय जय श्यामा जी की। जय श्री श्यामा जी की, जय कृष्ण जी की।

FAQ

श्याम बाबा कौन होते हैं?

श्याम बाबा भगवान कृष्ण के रूप में पूजे जाते हैं। उन्हें भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता है जो मथुरा और वृंदावन के पवित्र स्थलों से जुड़े हुए हैं।

श्याम बाबा की आरती क्या है?

श्याम बाबा की आरती एक प्रकार की पूजा होती है जिसे उनकी पूजा में किया जाता है। इस आरती को दोपहर और रात्रि में किया जाता है।

श्याम बाबा की आरती का क्या महत्व है?

श्याम बाबा की आरती करने से भक्तों को मन की शांति मिलती है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा इस से विविध समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

श्याम बाबा की आरती कब करनी चाहिए?

श्याम बाबा की आरती दोपहर और रात्रि में की जाती है। दोपहर में यह आरती सूर्यास्त के बाद की जाती है और रात्रि में यह सूर्यास्त के बाद की जाती है।

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