जय अंबे गौरी आरती लिखित में – संतों द्वारा दिया गया दिव्य आदर्श

जय अंबे गौरी आरती लिखित में-जय अंबे गौरी आरती लिखित में हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है। यह आरती मां दुर्गा की पूजा करते समय गाई जाती है। इस लेख में आप जानेंगे कि जय अंबे गौरी आरती क्या है और इसे कैसे गाया जाता है।
हिंदू धर्म में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। मां दुर्गा की आराधना के लिए लोग अलग-अलग प्रकार की पूजाएं करते हैं। जय अंबे गौरी आरती भी इन पूजाओं में एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है। यह आरती मां दुर्गा की पूजा करते समय गाई जाती है। इस लेख में आप जानेंगे कि जय अंबे गौरी आरती क्या है और इसे कैसे गाया जाता है।
हिंदी में जय अंबे गौरी आरती लिखित में
जय अंबे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अंबे गौरी॥सब हित करीनी, तुम समर्थ सदा॥
मैया जय श्यामा गौरी॥श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे॥
जय अंबे गौरी॥मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमथट साजे।
भये फल पावत नृपति, दुःखहरति दुःख राजे॥
जय अंबे गौरी॥कनक समान कलश रूप, त्रिकलां जोति जाले।
भारती तुम गौरी, त्रिभुवन सुख खाले॥
जय अंबे गौरी॥श्री अम्बे जी की आरती, जय जय मांगल मूरति।
दर्शन मातरें दुःख निवारिणी, सुख सम्पत्ति करिणी॥
जय अंबे गौरी॥मां जगदंबे अम्बे जय जय।
हे माता दुःख निवारिणी, तुम विनती सुन लो हमारी॥
जय अंबे गौरी॥हे जगदंबे अम्बे जय जय।
हे माता दुःख निवारिणी, तुम विनती सुन लो हमारी॥
जय अंबे गौरी॥श्री अम्बे जी की आरती, जय जय मांगल मूरति।
दर्शन मातरें दुःख निवारिणी, सुख सम्पत्ति करिणी॥
जय अंबे गौरी॥
Disclaimer
जय अंबे गौरी आरती भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। यह आरती माँ दुर्गा को समर्पित है जो शक्ति का प्रतीक हैं। इस आरती को गाकर भक्त अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह आरती न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में भी प्रसिद्ध है।
आरती का अर्थ है “ज्योति की पूजा”। जब इस आरती को गाया जाता है, तो भक्त अपनी आत्मा की उत्कृष्टता की ओर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह आरती गीतों और संगीत की एक सुंदर श्रृंखला है जो माँ दुर्गा की पूजा के दौरान गाई जाती है। आरती के अंत में भक्त देवी माँ की कृपा के लिए प्रार्थना करते हैं।