ओम जय जगदीश हरे आरती लिखित में

ओम जय जगदीश हरे आरती एक प्रसिद्ध हिंदू धर्म की आरती है जो हर उत्सव और त्योहार में समर्पित की जाती है। इस आरती को सुनने और गाने से मन को शांति मिलती है और यह भक्ति भाव को बढ़ाती है। इस लेख में, हम ओम जय जगदीश हरे आरती के विषय में विस्तृत जानकारी देंगे।
ओम जय जगदीश हरे आरती लिखित में
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे…
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का। स्वामी दुःख विनसे मन का, सुख सम्पत्ति घर आवे॥
ॐ जय जगदीश हरे…
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी तेरे। तुम बिन और न दूजा, प्रेम रचा उन्नति में तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे…
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी सबके। स्वामी अन्तर्यामी सबके, फल पासे मन के॥
ॐ जय जगदीश हरे…
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता स्वामी। आपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ॐ जय जगदीश हरे…
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा। स्वामी पाप हरो देवा, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
श्री स्वामी जय जगदीश हरे। भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
ॐ जय जगदीश हरे…
दूर करे दुःख सब प्रकार, जय जय जय जय जगदीश हरे॥
त्रिगुणात्मक तुम हो स्वामी, जीवन पावे फल सम्पत्ति। त्रिगुणात्मक तुम हो स्वामी, कल्याणकारी सर्व विधि हित॥
जय जय जय जय जगदीश हरे…
मानव सेवा मंगल कारी, सदा सुखी पुण्य भागी। मानव सेवा मंगल कारी, दुःख दूर करो दुखियों के भागी॥
जय जय जय जय जगदीश हरे…
जग के संभव करता है तुम, अपने अनुग्रह से। सब दुःख हरता है तुम, करो निज धाम प्रेम से॥
जय जय जय जय जगदीश हरे…
स्वामी जय जगदीश हरे, भक्त जनों के संकट। दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥
जय जय जय जय जगदीश हरे…
ओम जय जगदीश हरे आरती का महत्व
इस आरती के लिए लिखे गए शब्दों का अर्थ है, ‘हे प्रभु, हे जगदीश, हे हरि, हम तेरे शरण में हैं। हमें तेरी कृपा चाहिए, जो हमेशा हमारे साथ हो। हे देव, तू हमेशा हमारे रक्षक बना रहे।’ यह आरती भगवान विष्णु, शिव, कृष्ण और राम के समर्पित की जाती है।
ओम जय जगदीश हरे आरती के शब्द एक भक्ति भाव के साथ लिखे गए हैं और इसका मूल्य हमेशा से ही हिंदू धर्म की पौराणिक कथाओं में माना गया है। इस आरती का पहला पंक्ति वह शब्द है जो हमेशा हमारे घरों में दिया जाता है – “ओम जय जगदीश हरे”।
इस आरती के शब्दों में हम भगवान के नामों का जाप करते हुए उनकी `पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। इस आरती में भगवान के रूप, गुण और महत्व का वर्णन किया गया है। यह आरती सभी हिंदू त्योहारों जैसे दीवाली, जन्माष्टमी, होली और नवरात्रि में बड़ी उपयोगी होती है।
इस आरती में सभी देवताओं के नाम उल्लेखित होते हैं। इसके लिए इस आरती को ‘विश्वविजयी आरती’ भी कहते हैं। इसके अलावा, इस आरती में भगवान के चार मुखों के नाम जोड़े गए हैं जो ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सबके अंतर्यामी हैं।
इस आरती के शब्दों को गाकर भक्ति भाव को बढ़ाया जा सकता है और यह सभी के दिलों में शांति और समता का भाव भर देता है। इसके अलावा, इस आरती के शब्दों का जाप करने से संजीवनी शक्ति मिलती है जो हमें स्वस्थ रखती है।
ओम जय जगदीश हरे आरती एक ऐसी आरती है जो हमें आध्यात्मिकता और धार्मिकता का अनुभव कराती है। इस आरती को सुनने या गाने से हम अपने मन को तृप्ति और शांति प्राप्त करते हैं और भगवान की कृपा से सभी दुःखों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। इस आरती के शब्द हमें अपनी दृष्टि को आध्यात्मिक दृष्टिकोण की ओर फिर से से ले जाते हैं जो हमारे जीवन को सफल बनाती है।
इस आरती में भगवान के सभी नामों का उल्लेख होता है। इसके अलावा, इस आरती में मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां पार्वती को भी समर्पित किया गया है। इस आरती को गाने से हम समस्त देवताओं की कृपा प्राप्त करते हैं।
इस आरती के अनुसार, भगवान हमें सभी जीवों के प्रति संवेदनशील बनने की शिक्षा देते हैं और हमें अपनी जिंदगी में सभी लोगों के साथ न्यायपूर्ण और समान व्यवहार करने की सलाह देते हैं।
ओम जय जगदीश हरे आरती हमें अपनी दुनियावी चिंताओं से दूर ले जाती है और हमें सच्ची शांति और खुशी का अनुभव कराती है। इस आरती को रोजाना गाने से हमारे जीवन में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद होता है।
ओम जय जगदीश हरे आरती हमें धार्मिक तत्वों की शिक्षा देती है। यह आरती हमें समझाती है कि भगवान हमेशा हमारे साथ हैं और हमेशा हमें सहायता करते हैं। यह आरती हमें यह भी सिखाती है कि हमें दूसरों के साथ संयमित और शांतिपूर्ण रहना चाहिए।
इस आरती के शब्दों से हमें यह भी समझ मिलता है कि हमें भगवान के सामने भावनात्मक रूप से खुल कर रहना चाहिए और उनसे अपनी सभी मनोकामनाएं मांगनी चाहिए। यह आरती हमें भगवान के साथ एक भावनात्मक संबंध बनाने का मार्ग दिखाती है।
इस आरती के शब्दों में हमें यह भी सिखाया जाता है कि हमें भगवान के साथ भक्ति और श्रद्धा से जीवन जीना चाहिए। हमें सभी जीवों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और समस्त जीवों के प्रति स्नेहपूर्ण रहना चाहिए। यह आरती हमें सभी लोगों के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखने के लिए शिक्षा देती है।
ओम जय जगदीश हरे आरती हमें शांति, समृद्धि, सफलता और धन की प्राप्ति के मार्ग दर्शाती है। इस आरती में भगवान के नामों का जाप करने से हमारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस आरती के द्वारा हम भगवान के सामने अपनी सभी संदेहों और चिंताओं को छोड़ देते हैं और उनसे अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में मदद मांगते हैं।
इस आरती को गाने से हम अपनी मन की शांति तथा सुख को प्राप्त कर सकते हैं। इस आरती का गाना हमारी मनोदशा को शांत करता है और हमें एक ऊंची दर्जे की धार्मिकता का अनुभव होता है।
ओम जय जगदीश हरे आरती एक ऐसा उत्कृष्ट धार्मिक गीत है जो हमें सभी जीवों के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव रखने के लिए सिखाता है। यह गीत हमें एक भक्तिपूर्ण जीवन की ओर ले जाता है और हमें भगवान के साथ एक अटूट संबंध बनाने का मार्ग दिखाता है।